जबलपुर- भारत और चीन के कोर कमांडर्स के बीच मोल्डो में हो रही वार्ता खत्म हो गई है। शनिवार को सुबह 9 बजे की बजाए 11 बजे से शुरू हुई वार्ता लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के दूसरी तरफ मोल्डो में हो रही थी। भारतीय दल का नेतृत्व 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे थे। वहीं चीन की तरफ से मेजर जनरल लियू लिन शामिल हुए थे। एक नजर डालिए आज सुबह से भारत और चीन के बीच एलएसी पर क्या-क्या हुआ।
2 घंटे देर से शुरू हुई जनरल की मीटिंग
-सुबह करीब 11 बजे ले. जनरल हरिंदर सिंह अपने चीन समकक्ष से वार्ता के लिए रवाना हुए।
-ले. जनरल सिंह और मेजर जनरल लियू के बीच मीटिंग पहले सुबह नौ बजे शुरू होने वाली थी।
-किन्ही कारणवश इसमें देरी हो गई और करीब 11 बजकर 30 मिनट पर यह शुरू हो सकी।
-लद्दाख के चुशुल के ठीक विपरीत दिशा में है चीन का मोल्डो जो तिब्बत के दक्षिणी शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट में आता है।
-मोल्डो स्थित बॉर्डर पर्सनल मीटिंग प्वाइंट यानी बीपीएम पर मीटिंग की शुरुआत हुई।
-सेना की तरफ से इस पर कहा गया भारत और चीन के अधिकारी सैन्य और राजनयिक चैनल्स के जरिए वार्ता कर रहे हैं।
-इस दौरान मीडिया को मीटिंग से पूरी तरह से दूर रखा गया था।
-इस मीटिंग में चीन की तरफ से उन ऑफिसर्स की टीम भी शामिल थी जो पहले 10 दौर की वार्ता में शामिल थे।
-भारत ने इस मीटिंग से पहले ही चीन को स्पष्ट कर दिया था एलएसी पर यथास्थिति को बहाल किया जाना चाहिए।
-यह भी स्पष्ट किया गया कि भारत की तरफ से किसी भी प्रकार से ट्रूप बिल्डिंग की कोई कोशिश पहले नहीं की गई थी।
-चीन को यह संदेश भी दिया जा चुका था कि भारतीय जवानों ने पहले किसी पेट्रोल पार्टी को उसकी गतिविधियों से रोका था।
-पांच मई को लद्दाख में चीनी सेना के जवानों की भारतीय जवानों से झड़प हुई थी।
यह था मामला:-
भारत-चीन सीमा विवाद (Ladakh Standoff) को सुलझाने के लिए भारत और चीन (India-China) के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत शनिवार सुबह लगभग 9 बजे लद्दाख में चुशूल के पास चीन की सीमा में मोल्दो में शुरू हो गई. भारतीय सैनिक दल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहेे हैं. सूत्रों ने बताया कि पेंगांग झील (Pangong Lake) के मुद्दे पर भारत एक इंच भी झुकने के लिए तैयार नहीं है.
एक महीने से लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने
एक महीने से लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं. इस तनाव को दोनों देशों के बीच 2017 में डोकलाम की घटना के बाद सबसे बड़ा सैनिक तनाव माना जा रहा है. गलवान घाटी में चीनी सैनिक एलएसी से आगे आ गए और साथ ही आसपास की पहाड़ियों पर भी उन्होंने अधिकार कर लिया. यहां भारत की तरफ से अपने इलाके में बनाई जा रही सड़क और पुल को चीनियों ने अपने आक्रामक रवैए का बहाना बना लिया. इसी तरह हॉट स्प्रिंग में भी चीनी सैनिकों ने आगे आकर मोर्चाबंदी कर ली। चीन के सैनिक लद्दाख में पेंगांग झील के फिंगर 4 तक आ गए जहां भारतीय सैनिकों के साथ उनका टकराव हुआ. यहां भारतीय दावा फिंगर 8 तक है जहां भारतीय सैनिक गश्त के लिए जाते थे. चीन ने यहां कारगिल संघर्ष के दौरान फिंगर 5 तक सड़क बना ली जबकि भारत की सड़क फिंगर 3 तक जाती है. चीन फिंगर 2 तक अपना दावा करता है. इस समय भारतीय औऱ चीनी सैनिक फिंगर 4 के पास एक-दूसरे के सामने बैठे हैं.
★ भारत-चीन विवाद का फायदा उठाना चाहता है पाकिस्तान, रच रहा बड़े आतंकी हमले की साजिश
भारत चर्चा में चीन से हर हालत में फिंगर 4 से पीछे जाने के लिए कहेगा. साथ ही भारत उन बख्तरबंद गाड़ियों और तोपों को भी पीछे ले जाने के लिए कहेगा जिन्हें चीन अप्रैल और मई में आगे लेकर आया है. चीन ने इस विवाद में लगभग 5000 सैनिकों को तैनात किया है, भारत ने चीन की इस कार्यवाही को देखते हुए लगभग उतनी ही जवाबी तैनाती की है जिसमें हथियारों से लेकर सैनिकों की तैनाती है भारत चीन को जवाब देने के लिए हर मोर्चे पर डटा हुआ है। साथ ही भारत चीन की सेना की निगरानी के लिए अपने फाईटर प्लेन को भी लगा रखा है भारत चीन के साथ इस बार किसी भी तरह की छूट देना नहीं चाहता भारत ने चीन को दो टूक शब्दों में समझा दिया है कि चीन उसे 1962 वाले भारत को समझने की हिमाकत न करे।वही भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को पाकिस्तान भुनाने की सोच रहा है वह भारतीय सीमा पर आतंकवादियों को भेजने के लिए सीजफायर उल्लंघन कर रहा है।परन्तु भारतीय सेना उसे माकूल जवाब दे रही है।
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