बुधवार, 15 जुलाई 2020

Indian Politics: सचिन पालयट के बाद क्या अब जितिन प्रसाद कांग्रेस को बोलेंगे बाय-बाय?

 जबलपुर- राजस्थान में जारी सियासी सकंट के बीच कांग्रेस पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद और उपमुख्यमंत्री के पद से हटा दिया है। इन सबके बीच यूपी कांग्रेस के युवा चेहरे और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद सचिन पायलट के समर्थन में गए हैं। जितिन प्रसाद ने जिस अंदाज में पायलट का साथ दिया है, उससे अब ये अटकलें लगने लगी हैं कि वो भी पायलट के अंदाज में ही कांग्रेस का दामन छोड़ सकते हैं।जितिन प्रसाद ने ट्वीट में लिखा है, ‘सचिन पायलट सिर्फ मेरे साथ काम करने वाले शख्स नहीं, बल्कि मेरे दोस्त भी हैं। कोई इस बात को नहीं नकार सकता कि इन दिनों उन्होंने पूरे समर्पण के साथ पार्टी के लिए काम किया है। उम्मीद करता हूं कि ये स्थिति जल्द सुधर जाएगी, दुखी भी हूं कि ऐसी नौबत आई।इससे पहले सचिन पायलट ने ट्वीट किया, ‘सत् को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।

 

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बता दें कि पूर्व में केंद्र सरकार के मंत्री रहे जितिन प्रसाद को यूपी कांग्रेस के कद्दावर चेहरे के रूप में जाना जाता है। जितिन प्रसाद उन युवा नेताओं में से एक हैं, जिन्हें राहुल गांधी का बेहद खास कहा जाता रहा है। यूपीए की सरकार में केंद्र सरकार के मंत्री रहे जितिन प्रसाद को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है।इसके पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी की बैठक के बाद मीडिया को बताया, “भाजपा ने राजस्थान की जनता द्वारा चुनी गई कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची। भाजपा ने सत्ता, ईडी, और आयकर विभाग का दुरुपयोग कर कांग्रेस के विधायकों और निर्दलीय विधायकों को खरीदने की कोशिश की। मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों को खरीदने के लिए की गई कोशिशों के बारे में बताया है।

 

उन्होंने कहा, “पिछले 72 घंटों के दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व के तहत कांग्रेस नेताओं ने पायलट और उनके खेमे के अन्य मंत्रियों और विधायकों से लगातार संपर्क करने की कोशिश की। कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट से कई बार बात करने की कोशिश की। कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने भी कई बार उनसे बात की, लेकिन वह बैठक में नहीं आए।

मंगलवार, 14 जुलाई 2020

Crime: विकास दुबे ने उज्जैन से कानपुर के बीच जिन-जिन लोगों के लिए नाम, अब उन पर कसेगा पुलिस का शिकंजा...

 जबलपुर- विकास दुबे के मारे जाने के बाद अब उसकी मदद करने वाले और उसके सहयोगी रहे लोगों पर पुलिस शिकंजा कसने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि एसटीएफ ने विकास दुबे से उज्जैन से कानपुर के सफर के बीच में लंबी पूछताछ की। विकास को इस बता का अंदेशा नहीं था कि रास्ते में कोई दुर्घटना हो सकती है इसलिए वह भी एसटीएफ को कई बातें बताता गया। सूत्रों के मुताबिक, विकास ने इस दौरान अपने कई राज खोले। हालांकि अभी इस बारे में कोई भी आधिकारिक रुप से कहने से बच रहा है।

 वहीं दूसरी ओर विकास के एनकाउंटर के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से घटनाक्रम को लेकर पूरी रिपोर्ट तलब की गई है। उन्होंने इस काम की जिम्मेदारी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को सौंपी है। सूत्रों के मुतबिक, सीएम यह जानना चाहते हैं कि उज्जैन से कानपुर के बीच में विकास ने पुलिसवालों को क्या जानकारियां दीं। साथ ही उज्जैन में उसने किस-किस के नाम बताए हैं।

 

जिनके नाम बताए उनकी खैर नहीं

 विकास ने जिन लोगों के नाम पुलिस को बताए हैं। उन्हें लेकर भी लखनऊ से रणनीति तय की जाएगी। उनके खिलाफ क्या सबूत होंगे और उन्हें कैसे इकट्ठा किया जाएगा। इस बारे में उच्च अधिकारी भी चर्चा करेंगे। इन लोगों के खिलाफ भी कानूनी शिकंजे को मजबूत किया जाएगा। मजिस्ट्रेट जांच से भी कई बातें सामने आएंगी।

 

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विकास की बेनामी सम्पत्ति पता लगाएगा प्रशासन

विकास दुबे की सभी सम्पत्तियों को लेकर एडीएम भू अध्याप्ति को जांच सौंपी गई है। इनमें से कितनी बेनामी सम्पत्ति है उसे प्राथमिकता से देखा जाएगा। सबूत मिलने के साथ ही सरकार उन सभी सम्पत्तियों को जब्त करेगी।

 

विकास के परिवार और साथियों के खिलाफ ईडी मामला दर्ज करेगी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मारे गए अपराधी विकास दुबे के परिवार के सदस्यों और साथियों पर धनशोधन का मामला दर्ज करने की तैयारी में है। ईडी इन लोगों पर कथित रूप से धोखाधड़ी कर संपत्ति अर्जित और अवैध लेन-देन मामले की जांच करेगी।अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि लखनऊ में स्थित एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय ने छह जुलाई को इस संबंध में कानपुर पुलिस को पत्र लिखकर दुबे और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ दायर सभी मामलों की ताजा जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा कि ईडी जल्द ही उसके सहयोगियों और परिवार के सदस्यों द्वारा कथित रूप से किए गए अपराध की जांच के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शिकायत दर्ज करके यह पता लगाएगा कि क्या बाद में इस धन का उपयोग अवैध रूप से चल और अचल संपत्ति अर्जित करने लिए तो नहीं किया गया।

 

अधिकारियों ने कहा कि आरोप है कि दुबे ने अपने और अपने परिवार के नाम पर खूब संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उससे लगे कुछ इलाकों में दुबे और उसके परिवार से जुड़ी दो दर्जन से अधिक नामी और बेनामी' संपत्तियां, बैंक में जमा राशि और सावधि जमा पर केंद्रीय जांच एजेंसी की नजर है। ईडी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों से दुबे और अन्य लोगों की संभावित विदेशी संपत्ति के बारे में विवरण भी मांग रहा है, इसके अलावा विभिन्न बैंकों से खातों का विवरण भी मांगा जा रहा है।

मंगलवार, 7 जुलाई 2020

Crime: कानपुर हत्याकांड के आरोपी को पकड़ने के लिए कई टीमें लगीं, ढाई लाख इनाम घोषित...

विकास दुबे के धरपकड़ की कोशिशें तेज़, पुलिस ने घोषित
 किया ढाई लाख रुपये का इनाम
 
 जबलपुर- कानपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के धरपकड़ की कोशिशें तेज़ हो गईं हैं। पुलिस ने ऐलान किया है कि जो शख्स कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की मौत के जिम्मेदार कुख्यात अपराधी विकास दुबे की जानकारी देगा, उसे ढाई लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।

कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार को इस इनाम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विकास दुबे का ठिकाना बताने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। फिलहाल विकास दुबे के बारे में पता लगाने के लिए कई लोगों से गहन पूछताछ की जा रही है।

असल में, कानपुर में चौबेपुर के जिस थाना क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने 8 पुलिस कर्मियों की हत्या को अंजाम दिया है, उसी थाने में उसके के खिलाफ 60 केस दर्ज हैं। कानपुर में इस मुठभेड़ के बाद विकास दुबे यूपी पुलिस का मोस्ट वॉन्टेड बन गया है।

 

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पुलिस ने मोस्ट वॉन्टेड विकास दुबे के गांव से दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे घटना क्रम और हमले के मास्टर माइंड विकास के बारे में पूछताछ किए जाने की तैयारी है।

साथ ही पुलिस ने करीब पांच सौ मोबाइल फोन नंबर सर्विलांस पर लगाए हैं। पूरे बिकरू गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। घटना के बाद से ही गांव और आस-पास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

गांव से करीब 2 दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। यही नहीं पुलिस की फॉरेंसिक टीम भी मौका--वारदात पर छानबीन कर रही है। डीजीपी ने खुद गांव का दौरा किया है। वहीं गांव से जोड़ने वाले नाकों के सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं

सोमवार, 6 जुलाई 2020

India-China News: लद्दाख में चीन के झुकने के पीछे है NSA अजीत डोभाल कनेक्शन...

 जबलपुर- पिछले करीब दो माह से भारत के लद्दाख रीजन में भारत-चीन (LAC) पर दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध के बाद अब हालात बदलने लगे हैं लेकिन इस स्थिति तक पहुँचाने के लिए भारत के NSA प्रमुख अजीत डोभाल की भूमिका अहम रही। लद्दाख के गलवान नदी के पास चीनी सैनिकों के पीछे हटने के पीछे एनएसए अजीत डोभाल कनेक्शन सामने आया है। दरअसल, डोभाल ने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ रविवार को दो घंटे की बातचीत की थी।

 

*भारत और चीन के बीच लद्दाख में पिछले 3 महीने से जारी तनातनी में दिखी नरमी,

*NSA अजीत डोभाल के चीनी समकक्ष वांग यी से बातचीत के बाद ड्रैगन ने गलवान से पीछे हटाए सैनिक,

*बता दें कि 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे,

*इस झड़प में चीन के 40 सैनिक मारे गए थे, तब से दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं,


 बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी से चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने सबसे मजबूत कूटनीतिक हथियार का प्रयोग किया था। केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को मोर्चे पर लगा दिया था और उन्होंने रविवार को चीनी समकक्ष वांग यी के साथ करीब दो घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की थी। भारत के सख्त रुख के बाद चीन के पास पीछे हटने के अलावा कोई और चारा भी नहीं था। भारत ने ड्रैगन को चौतरफा घेर रखा है चीन के 59 ऐप्स पर बैन के बाद बीजिंग पूरी तरह से हिल गया था। इसी बातचीत में गलवान में तनाव कम करने पर सहमति बनी।

 

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भारत के सख्त संदेश और एक्शन में डोभाल

 डोभाल ने वांग यी के साथ बातचीत में तमाम मुद्दों पर बातचीत की। लद्दाख सीमा पर दोनों पक्षों के सैनिकों के हटने के पीछे की वजह यही बातचीत है। गलवान घाटी (Galwan Valley) में 15 जून को दोनों पक्षों के बीच खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 सैनिक मारे गए थे। डोभाल की बातचीत के बाद चीन ने गलवान घाटी में संघर्ष वाली जगह से 1.5 किलोमीटर अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है। बता दें कि दोनों देश तनाव को कम करने के लिए कई दौर की कमांडर स्तर की बातचीत कर चुके हैं।

 

फिर ऐसी स्थिति पैदा हो बैठक में हुई चर्चा

 डोभाल ने कल वीडियो कॉल पर चीनी विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग यी के साथ बातचीत की। दोनों पक्षों के बीच बातचीत काफी सौहार्दपूर्ण और दूरदर्शी रही। दोनों के बीच बातीचत में भविष्य में गलवान घाटी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए शांति बनाए रखने पर बातचीत हुई ताकि आगे इस तरह की विकट स्थिति पैदा हो।

 

विवाद टालने स्थिति में चीन करे बदलाव

 बातचीत के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत दिखे कि जल्दी से जल्दी इस विवादित क्षेत्र से सेनाएं पीछे हट जाएं और वहां शांति बहाली हो जाए। दोनों पक्ष इसके लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब मौजूद सैनिकों के जल्द हटाने पर भी हामी भरी। भारत और चीन ने चरणबद्ध तरीके से LAC के करीब से सैनिकों को हटाने की बात कही। बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी की दोनों पक्ष LAC का उल्लंघन नहीं करेंगे और कोई भी पक्ष वहां यथास्थिति बदलने के लिए कोई एकपक्षीय कार्रवाई नहीं करेगा।

 

चर्चाओं को जारी रखने बनी सहमति

 बातचीत के दौरान दोनों प्रतिनिधियों ने सैन्य अधिकारियों के बीच तय मैकेनिज़ के तहत बातचीत जारी रखने पर भी सहमति जताई। इस बात पर भी सहमति जताई गई कि दोनों विशेष प्रतिनिधि भारत-चीन सीमा पर शांति स्थापित होने तक बातचीत आगे भी जारी रखेंगे।

 

भारत के सख्त रुख के कारण चीन को झुकना पड़ा

 लद्दाख में भारत की सख्ती और जोरदार जवाब के कारण चीन के आक्रामक रुख में अब नरमी दिखने लगी है। भारत ने ड्रैगन को सामरिक, आर्थिक और कूटनीतिक तीनों मोर्चो पर जबरदस्त पटखनी दी है। भारत ने चीन के 59 ऐप्स पर बैन लगा दिया है। इसके अलावा लद्दाख में भारत के हजारों सैनिक तैनात हैं। यहीं नहीं अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देश भी भारत को अपने समर्थन का भरोसा दे चुके हैं। भारत का सदाबहार दोस्त रूस भी जल्दी से जल्दी हथियार मुहैया करा रहा है।

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