जबलपुर- 15 जून को लद्दाख सीमा पर सीमा विवाद को लेकर भारत के साथ खूनी संघर्ष का बदला मैदान-ए-जंग में भारत किस तरह लेगा यह भविष्य में तय किया जाएगा लेकिन तत्काल प्रभाव से चीन को आर्थिक रूप से नुकसान करने की तैयारी हो गई है। बुधवार को सरकारी स्तर पर फैसला हो गया है कि दूर संचार मंत्रालय के अधीन काम करने वाली कंपनी बीएसएनएल की 4G टेक्नोलॉजी की स्थापना में चीनी कंपनियों को दूर रखा जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संचार मंत्रालय ने बीएसएनएल को इसका निर्देश कर दिया है।जिस के बाद इस दिशा में जारी टेंडर को रिवर्स करने का भी फैसला किया गया है। साफ है कि चीनी कंपनियां अब इससे बाहर की जाएंगी।
★बीएसएनएल
के 4जी टेंडर में
चीनी कंपनियों को नहीं दिया
जाएगा मौका
★मोबाइल सेवा की निजी कंपनियों को भी चीनी सामान से उपयोग न करने का निर्देश जारी
भारत
सरकार और सूचना एवं
प्रसारण मंत्रालय सूत्रों प्राप्त जानकारी के अनुसार संचार
विभाग मोबाइल सेवा के क्षेत्र
में भी चीन पर
निर्भरता को कम करने
की दिशा में गंभीरता
से विचार कर रहा है।
इसके लिए टेलीकॉम क्षेत्र
की निजी कंपनियों को
भी चीन की कंपनियों
द्वारा बनाए गए उत्पादों
पर अपनी निर्भरता को
कम करने के लिए
कहा गया है। निजी
टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल सेवा से जुड़े
उपकरणों में चीनी उपकरणों
का इस्तेमाल कर रही है।
बताया यह भी जा
रहा है कि चीनी
उपकरणों की सुरक्षा जांच
अब और सख्त हो
सकती है। दरअसल चीन
के उपकरणों पर कई बार
सवाल उठाए गए हैं। जिसे
देखते हुए सरकार इस
दिशा में ठोस कदम
उठाने का फैसला किया
है जिससे अब चीनी कम्पनियों
की हर क्षेत्र में
मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं।
★चीनी उपकरणों में सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सरकार सख्त
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