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जबलपुर
- वायुसेना के क्षेत्र में भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एस-400 वायु रक्षा प्रणाली हासिल करने के बाद भारत एक साथ कई लक्ष्यों को पहचान कर उन्हें मार गिराने में सक्षम हो सकेगा। भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली 2025 में रूस से मिल जाने की उम्मीद है। इस वायुरक्षा प्रणाली का उत्पादन रूस ने शुरू कर दिया।एत्माज एंते द्वारा तैयार की गई दुनिया की सबसे आधुनिक और सटीक एंटी मिसाइल डिफैंस 2007 से रूसी सेना का हिस्सा है। भारत और रूस के बीच हुए इस करार में 5 एस-400 मिसाइल सिस्टम हासिल होगा। यह सौदा 39 हजार करोड़ का है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलो मीटर है।
★एक साथ तीन मिसाइलों को मारने की क्षमता
रूस की एस-400 ट्रायफ दुनिया की सबसे आधुनिक वायु प्रणाली है। जो सभी तरह के विमानों, मिसाइलों और मानवरहित विमानों को एक साथ भेद सकती है। इसमें आधुनिक रडार और कंट्रोल सिस्टम लगे हैं। रडार इतने उन्नत किस्म के हैं कि एक हजार किलोमीटर की दूरी से ही लक्ष्य को पहचान सकते हैं। स्वःचालित और नियंत्रित तरीके से मिसाइल को मार गिरा सकते हैं। यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई और 400 किलोमीटर की दूरी से हमला कर सकते हैं। निर्देश मिलने के 5 मिनट के अंतर पर एक साथ तीन मिसाइल दागी जा सकती है। अमेरिका के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान एफ-35 को समय रहते गिराने की क्षमता एस-400 वायुरक्षा प्रणाली में है। चीनी सेना में यह शामिल है।
★एक
साथ 6 निशाने साध
सकती
★दुश्मन देश भी करते हैं तारीफ
पिछले 6 सालों में भारतीय सेना ने किस स्तर की तरक्की की है उसे देखकर अब दुश्मन देश भी तारीफ करने लगा है भारत के धुर प्रतिद्वंदी चीन के रक्षा विशेषज्ञ ने भी भारतीय सेना को पहाड़ों में लड़ाई करने में दुनिया में सबसे बेहतर सेना माना है वही लगातार भारत सरकार अपनी सेना को मजबूत करने में एक से एक नए मुकाम हासिल कर रही है नरेंद्र मोदी की इस सरकार ने भारतीय सेना को दुनिया की सफलतम सेना बनाने का बीड़ा उठा रखा है जिसे सही मायने में सेना अध्यक्षों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ एन एस ए प्रमुख अजीत डोभाल जैसे टीम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय सेना को अत्याधुनिक बनाने की मुहिम जारी रखे हुए हैं पर इस महीने भारत का भरपूर सहयोग रूस अमेरिका जापान फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश दे रहे हैं जिसे देखकर भारत के विरोधी देशों को पसीने छूट रहे हैं
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