जबलपुर- भारत और
चीन के बीच सीमा विवाद
सुलझाने लगातार प्रयास
किए जा रहे हैं लेकिन
भारत और चीन के बीच
युद्ध के हालात
बने हुए हैं और इस
टकराव को खत्म करने
के लिए मंगलवार
को फिर भारत
और चीन के बीच कोर
कमांडर वार्ता हुई।
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल
(LAC) के पश्चिमी क्षेत्र में
आने वाले पूर्वी
लद्दाख की पैंगोंग त्सो पर्यटकों
का सबसे बड़ा
आकर्षण है।इस झील के करीब चीन की स्थित कई पहाड़ियों पर पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA)
के जवानों ने
कब्जा कर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक
एक निजी संस्था
की एक रिपोर्ट
पर अगर यकीन
करें तो लद्दाख
के स्थानीय लोग अब डर के साए
में जी रहे हैं।
★लद्दाख
के कई सेक्टर्स में
चीनी सेना PLA की गश्त
चीनी सेना पूर्वी
लद्दाख के कई सेक्टर्स
तक गश्त करने लगी
है और इस बात से
यहां के लोगों
में अजीब सी घबराहट है।
फॉरवर्ड इलाकों तक स्थानीय नागरिकों
के मूवमेंट को
प्रतिबंधित कर दिया
गया है। साथ ही फोन
नेटवर्क भी ठीक से काम
नहीं कर रहे हैं। ताशी नामग्याल जो लद्दाख ऑटोनोमस
हिल डेवलपमेंट काउंसिल
के चुने हुए
प्रतिनिधि हैं, उनकी
मानें तो उन्होंने कई
दशकों से एलएसी
पर इतने बड़े स्तर पर मिलिट्री लाव-लश्कर नहीं
देखा था। नामग्याल, दुरबुक, श्योक, गलवान
और दौलत बेग ओल्डी (DBO)
का प्रतिनिधित्व
करते हैं। ये वहीं इलाके
हैं जहां पर चीनी सेना
ने अपना दावा
पेश किया है।
ये सभी इलाके
एलएसी के काफी करीब हैं।
इन्हें भी पढ़ें- फ्लिपकार्ट और ओला जैसी कई भारतीय कंपनियों में लगा है चीन का पैसा, क्लिक कर जानें कौन-कौन सी कंपनियां हैं इस लिस्ट में...
चीन और पीएम राहत कोष सहित इन 11 बड़ी सरकारी कंपनियों से भी राजीव गाँधी फाउंडेशन को मिला था दान...
★दशकों
बाद इतने बड़े स्तर पर सेना की
तैनाती
लद्दाख में रहने वाले लोगों में ताशी बताते हैं कि लोगों ने दशकों में इतने बड़े स्तर पर इस प्रकार की तैनाती नहीं देखी
है। लोग डरे हुए हैं।
15 जून को गलवान
घाटी में भारत
और चीन के बीच हिंसक
झड़प में 20 सैनिक
शहीद हो गए थे। वहीं
भारत की तरफ से इंफ्रास्ट्रक्चर
प्रोजेक्ट्स को
रोका नहीं गया
है। इन प्रोजेक्ट्स की
वजह से ही मई की
शुरुआत में दोनों
देशों के बीच टकराव शुरू
हुआ था। नामग्याल ने
बताया कि कुछ लोग जानकारी
साझा कर रहे हैं। फारवर्ड
इलाकों में मौजूद
पोटर्स की मानें
तो चीनी सेना
ने अपने जवानों
को तैनात कर
दिया है। उन्होंने बताया
कि चीनी आक्रामकता
के बाद भी भारत ने
पुल और सड़कों
का निर्माण बंद
नहीं किया है।
★टेलीफोन
नेटवर्क डाउन होने
से घबराए लोग
टेलीफोन नेटवर्क भी डाउन हैं और
इस वजह से लोगों में
डर का माहौल
है। नामग्याल के मुताबिक कम्यूनिकेशन
लाइनें बंद होने
की वजह से गांववालों को बहत समस्या
हो रही है। सूत्रों की मानें
तो दोनों तरफ
से जवानों को
तैनात किया गया
है। चरवाहों को
भी कुछ इलाकों
में जाने से मना कर
दिया गया है। LAC पर
तनाव एक या दो जगहों
तक ही सीमित
नहीं है। बल्कि
अब पूरे पूर्वी
लद्दाख को अपनी चपेट में
ले रहा है।
★चीन
लगातार स्थिति बदलने
की कर रहा कोशिश
चीन यहां पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है और इस वजह से हालात अनियंत्रित होते जा रहे हैं। पहले गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो तक तनाव था लेकिन चीन ने अब दूसरी जगहों पर भी मोर्चा खोल दिया है। इस बीच चीन ने चुमार, देपसांग, डेमचोक, गोगरा, गलवान, पैंगोंग त्सो, त्रिग हाईट्स की भी यथास्थिति को बदलने की कोशिश की है। भारत ने भी अपने जवानों को तैनात कर दिया है। साथ ही इंडियन एयरफोर्स ने भी अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spam link in the comment box.