सीमा विवाद को
लेकर कांग्रेस के
बयानों के बीच भाजपा अध्यक्ष
ने खोले कांग्रेस
और चीन के संबंधों
★कांग्रेस ने पाकिस्तान को की थी हिन्दुस्तान की जमीन सौंपने की डील
बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कांग्रेस के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के यूपीए शासन काल के दौरान इन दोनों परिवारों ने पाकिस्तान और चीन को भारत की जमीन सौंपने की डील की थी। सवाल ये उठता है कि इस तरह कि डीलिंग में इन्होने कितने रुपये कमाए होंगे इसका व्यौरा देश के सामने इन्हें पेश करना होगा। पूर्व आर्मी चीफ जनरल जेजे सिंह ने खुद इस बात को बाताया है कि मनमोहन सिंह की UPA सरकार के दौरान इस सरकार ने पाकिस्तान के लिए सियाचिन को छोड़ने का फैंसला ले लिया था यदि उस समय पूर्व आर्मी चीफ जनरल जेजे सिंह के द्वारा मनमोहन सिंह को नहीं रोका होता तो ये इस समय सियाचिन पाकिस्तान के पास होता। उन्होंने बताया कि उस समय सियाचिन को शांति का पर्वत बना कर पाकिस्तान की सेना को लौटने का था प्रस्ताव।
★सियाचिन ग्लेसियर को बनाना चाहते थे शान्ति पर्वत
जनरल जेजे सिंह
के दिए इस व्यान पर
पूरी तरह से यकीन कर
पाना मुश्किल है
कि वाकई सियाचिन
को लेकर UPA सरकार
की ऐसी कोई डील हुयी
थी। लेकिन इनके
द्वारा इण्डिया टीवी
को दिए गए इंटरव्यू के दौरान
इन्होने सियाचिन से
सम्बंधित कुछ बातो
का खुलासा किया
है इन्होने पाकिस्तान
में सियाचिन की
स्थिति को लेकर कहा है
कि भारत ने सियाचिन को 1984 में
कंट्रोल किया पाकिस्तान
तो कभी वहां
आया ही नही और न
ही सियाचिन ग्लेशियर
को देख सकता
है क्यूंकि पाकिस्तान
सियाचिन से कम से कम
10 से 15 किलो मीटर
की दुरी पर पश्चिम इलाके
की तरफ है जहां से
सियाचिन ग्लेशियर को
देखना नामुमकिन है। वह अपने देश
को झूट बोलते
है
उन्होंने बाताया कि
1989 में एक प्रस्ताव
को पास किया
गया जिसमें लिखा
था कि भारतीय
सेना को सियाचिन
से हटाया जाए
लेकिन जब जनरल जेजे सिंह
को इस बात का पता
चला तो उन्होंने
इस बात का कठोर विरोध
किया। उन्होंने बताया
कि उस समय के जो
डिसीजन मेकर थे उन्होंने एक प्लान
बनाया जिसके अंतर्गत
सियाचिन को शान्ति
का पर्वत बनाने
का प्लान था
और इस प्लान
से पहले उन्होंने
1989 में एक प्रपोजल
बनाया जिसमे उन्होंने
फैंसला किया कि हम सियाचिन
ग्जेशियर को एक
शान्ति का क्षेत्र
बना देंगे। लेकिन
तब भी सेना ने पाकिस्तान
के अपने पोजीशन
से पीछे हटने
तक इसे मानने
से साफ़ इनकार
कर दिया था
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★प्रधानमंत्री को जनरल जेजे सिंह की सलाह
इसके बाद जनरल
जेजे सिंह के व्यान और
भी गंभीर होते
चले गए ! उन्होंने
कहा कि “ ये जो प्लान
है एक बार
1989 में बनाया गया
था और उसके बाद भी
बनाया गया जब मैं आर्मी
चीफ था साल
2006 में प्रधामंत्री मनमोहन सिंह
स्वयं सियाचिन गए
तव मैंने खुद
उनसे कहा कि सम्पूर्ण सियाचिन पर
हमारा कब्ज़ा है
सभी महत्वपूर्ण पहाडियों
पर हमारा कब्ज़ा
है सारे महत्वपुर
दर्रों पर भी केवल हमारा
ही कव्जा है
तो अब किसी में इतनी
हिम्मत नहीं है कि कोई
हमें यहाँ से हिला सके। लेकिन यदि आप इस स्थान
को शान्ति का
स्थान बंनाना चाहते
है तो सबसे पहले पाकिस्तान
को अपनी मौजूदा
स्थिति को कबुत करना पड़ेगा
कि इस समय उनकी स्थिति
कहाँ है। लेकिन
पाकिस्तान ने इस
बात को मानने
से इनकार कर
दिया उन्होंने ये
बताने से इनकार
कर दिया कि उनकी पोजीशन
कहाँ है दरअसल
उनको डर है अपने देशवासियों
को मुह दिखाने
का इसलिए उन्होंने
इस बात को मानाने से
इनकार किया और साईन करने
से इनकार कर
दिया उसके बाद
हमने उन्हें कहा
कि हम इस प्रपोजल को रद्द कर देंगे। उन्होंने कहा कि
“ असली बात ये है कि
मैंने क्लियरली प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह को बताया कि
आप ये कदम मत लीजिये,
क्यूंकि आप संभाल
नहीं पाएंगे और
इसीलिए आर्मी का
रेकोमेंडेशन यही है
★भाजपा सरकार का कांग्रेस सरकार पर आरोप
भाजपा सरकार ने
कांग्रेस सरकार के
ऊपर ये आरोप लगाया है
कि यदि उस समय आर्मी
के द्वारा न
रोका गया होता
तो मनमोहन सरकार
पाकिस्तान को सियाचिन
सौंप ही देती जिससे पाकिस्तान
और चीन दोनों
काफी फायदे में
रहते क्यूंकि आज
हम वहां लाभदायक
स्थिति में है। भाजपा के प्रवक्ता
संबित पात्रा ने
पूछा कि, “ चीन
को फायदा, पाकिस्तान
को फायदा और
मई यहाँ पूछ
रहा हूँ कि यहाँ माँ-
बेटे को क्या फायदा होता
? इस रायल डायनासटी
को क्या फायदा
होता। उसके बाद
साम्बित पात्रा ने
इस इंटरव्यू को
ट्वीट करके लोगो
के साथ सांझा
किया और लिखा कि “नेहरू
-वाड्रा पविरार एक
प्रॉपर्टी डीलर की
तरह हिन्दुस्तान की
जमीन चीन और पकिस्तान में बाँट
रहे थे ..बदले
में कितना लिया
? मोटा माल …बताये
कांग्रेसी ?
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