जबलपुर-
पिछले करीब दो माह
से भारत के लद्दाख
रीजन में भारत-चीन
(LAC) पर दोनों देशों के बीच जारी
गतिरोध के बाद अब
हालात बदलने लगे हैं लेकिन
इस स्थिति तक पहुँचाने के
लिए भारत के NSA प्रमुख अजीत डोभाल की भूमिका अहम रही। लद्दाख
के गलवान नदी के पास
चीनी सैनिकों के पीछे हटने
के पीछे एनएसए अजीत
डोभाल कनेक्शन सामने आया है। दरअसल,
डोभाल ने चीनी समकक्ष
वांग यी के साथ
रविवार को दो घंटे
की बातचीत की थी।
*भारत
और चीन के बीच
लद्दाख में पिछले 3 महीने
से जारी तनातनी में
दिखी नरमी,
*NSA अजीत
डोभाल के चीनी समकक्ष
वांग यी से बातचीत
के बाद ड्रैगन ने
गलवान से पीछे हटाए
सैनिक,
*बता
दें कि 15 जून को दोनों
देशों के सैनिकों के
बीच खूनी झड़प में
भारत के 20 जवान शहीद हो
गए थे,
*इस
झड़प में चीन के
40 सैनिक मारे गए थे,
तब से दोनों देशों
की सेनाएं आमने-सामने हैं,
बता
दें कि लद्दाख के
गलवान घाटी से चीनी
सैनिकों को पीछे धकेलने
के लिए नरेंद्र मोदी
सरकार ने अपने सबसे
मजबूत कूटनीतिक हथियार का प्रयोग किया
था। केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा
सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को
मोर्चे पर लगा दिया
था और उन्होंने रविवार
को चीनी समकक्ष वांग
यी के साथ करीब
दो घंटे तक वीडियो
कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक
की थी। भारत के
सख्त रुख के बाद
चीन के पास पीछे
हटने के अलावा कोई
और चारा भी नहीं
था। भारत ने ड्रैगन
को चौतरफा घेर रखा है
चीन के 59 ऐप्स पर बैन
के बाद बीजिंग पूरी
तरह से हिल गया
था। इसी बातचीत में
गलवान में तनाव कम
करने पर सहमति बनी।
इन्हें भी पढ़ें- भारत चीन के बीच युद्ध जैसे हालात में अमेरिका भारत को एफ-35 फाईटर जेट देने राजी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
जानिये भारत-चीन के बीच तनाव से भारतीय कंपनियों को किन-किन परेशानियों से जूझना पड़ रहा है...
★भारत
के सख्त संदेश और
एक्शन में डोभाल
डोभाल
ने वांग यी के
साथ बातचीत में तमाम मुद्दों
पर बातचीत की। लद्दाख सीमा
पर दोनों पक्षों के सैनिकों के
हटने के पीछे की
वजह यही बातचीत है।
गलवान घाटी (Galwan Valley) में 15 जून को दोनों
पक्षों के बीच खूनी
संघर्ष में भारत के
20 जवान शहीद हो गए
थे जबकि चीन के
40 सैनिक मारे गए थे।
डोभाल की बातचीत के
बाद चीन ने गलवान
घाटी में संघर्ष वाली
जगह से 1.5 किलोमीटर अपने सैनिकों को
पीछे हटा लिया है।
बता दें कि दोनों
देश तनाव को कम
करने के लिए कई
दौर की कमांडर स्तर
की बातचीत कर चुके हैं।
★फिर
ऐसी स्थिति पैदा न हो
बैठक में हुई चर्चा
डोभाल
ने कल वीडियो कॉल
पर चीनी विदेश मंत्री
और स्टेट काउंसलर वांग यी के
साथ बातचीत की। दोनों पक्षों
के बीच बातचीत काफी
सौहार्दपूर्ण और दूरदर्शी रही।
दोनों के बीच बातीचत
में भविष्य में गलवान घाटी
जैसी घटनाओं को रोकने के
लिए शांति बनाए रखने पर
बातचीत हुई ताकि आगे
इस तरह की विकट
स्थिति पैदा न हो।
★विवाद
टालने स्थिति में चीन करे
बदलाव
बातचीत
के दौरान दोनों पक्ष इस बात
पर भी सहमत दिखे
कि जल्दी से जल्दी इस विवादित क्षेत्र से सेनाएं पीछे
हट जाएं और वहां
शांति बहाली हो जाए। दोनों
पक्ष इसके लिए वास्तविक
नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब मौजूद
सैनिकों के जल्द हटाने
पर भी हामी भरी।
भारत और चीन ने
चरणबद्ध तरीके से LAC के करीब से
सैनिकों को हटाने की
बात कही। बैठक में
इस बात पर भी
सहमति बनी की दोनों
पक्ष LAC का उल्लंघन नहीं
करेंगे और कोई भी
पक्ष वहां यथास्थिति बदलने
के लिए कोई एकपक्षीय
कार्रवाई नहीं करेगा।
★चर्चाओं
को जारी रखने बनी
सहमति
बातचीत
के दौरान दोनों प्रतिनिधियों ने सैन्य अधिकारियों
के बीच तय मैकेनिज़म
के तहत बातचीत जारी
रखने पर भी सहमति
जताई। इस बात पर
भी सहमति जताई गई कि
दोनों विशेष प्रतिनिधि भारत-चीन सीमा
पर शांति स्थापित होने तक बातचीत
आगे भी जारी रखेंगे।
★भारत
के सख्त रुख के
कारण चीन को झुकना
पड़ा
लद्दाख में भारत की सख्ती और जोरदार जवाब के कारण चीन के आक्रामक रुख में अब नरमी दिखने लगी है। भारत ने ड्रैगन को सामरिक, आर्थिक और कूटनीतिक तीनों मोर्चो पर जबरदस्त पटखनी दी है। भारत ने चीन के 59 ऐप्स पर बैन लगा दिया है। इसके अलावा लद्दाख में भारत के हजारों सैनिक तैनात हैं। यहीं नहीं अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देश भी भारत को अपने समर्थन का भरोसा दे चुके हैं। भारत का सदाबहार दोस्त रूस भी जल्दी से जल्दी हथियार मुहैया करा रहा है।