सोमवार, 29 जून 2020

India-China News: भारतीय सेना की तैयारी से ख़ौफ़ में चीन-पाकिस्तान, बोर्डर को मिला मोदी का बड़ा ऑर्डर...

भारतीय सेना को मोदी से खुली छूटहर तरह से निपटने को तैयार भारतीय सेना

  जबलपुरभारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत के अन्य ताकतवर मित्र देश भारत के साथ है और ची की हर हरकत पर नज़र बनाये हुए है वहीँ भारत की सेना भी  ची का मुकाबला करने के लिए बिलकुल तैयार है ची अपने नापाक इरादों में सफल नही हो सकता। भारत और ची के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए देश के अन्य ताकतवर देश भारत के साथ है और ची की हर हरकत पर नज़र बनाये है वहीँ भारत की सेना भी  ची का मुकाबला करने के लिए बिलकुल तैयार है।  ची अपने नापाक इरादों में सफल नही हो सकता और भारत को नहीं हर सकता  हम उनकी कोई भी विस्तावादी नीतियों को सफल नहीं होने देंगे हमारी सेना उनका मुँहतोड़ जबाब देने के लिए लद्दाख के बोर्डर पर उनके सामने पहाड़ की तरह खड़ी है

 

LAC पर भारत चीन की सेना आमने सामने

इस समय लद्दाख में LAC पर दोनों देशो की सेनाये आमने सामने खड़ी है भारतीय सेना बिलकुल तैयार कि चीन कि PLA की कोई भी हरकत को करारा जबाब दे सकेजिसके लिए भारतीत सेना ने LAC पर मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिया है अब पूरे सेक्टर में ऐडवांस् क्विक रिएक्शन वाला सरफेस-टू-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद है जो चीन के किसी भी फाइटर जेट को पलभर में तबाह कर सकता है सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लगातार बढ़ते बिल्-अप के बीच, इंडियन आर्मी और इंडियन एयरफोर्स, दोनों के एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिए गए हैं ऐसे में अब अगर चीनी एयरफोर्स या PLA चॉपर्स ने कोई भी चालाकी की तो उसे अंजाम भुगतने की लिए तैयार रहना होगा।

 

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चीन से पूरी दुनिया को खतरा

पूरी दुनिया ये समझ चुकी है कि चीन केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुका है भारत तो चीन से निपट ही लेगा लेकिन यदि चीन अपनी हरकतों से बाज़ आया, अगर चीन ने भारत की तरह अन्य देशो पर भी अपनी नापाक हरकतों को जारी रखा तो पूरी दुनिया के लिए मुश्किल हो जायेगा। आज भारत की बात पूरी दुनिया को समझ में रही है और दुनिया ये स्वीकार कर रही है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और उसकी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी यानी PLA दुनिया के लिए अब खतरा बन चुकी है।

 

 

भारत-चीन सीमा विवाद से तीसरे विश्व युद्ध की आहट

  हम इन बातो को बिलकुल भी नज़रअंदाज़ नही कर सकतेइन सब से आप समझ सकते हो कि ये तीसरे विश्व युद्ध की आहट है और इस बात को खुले आम अमेरिका ने सबसे सामने रखा है गलावन घाटी में भारत-चीन के बीच पहले ही खुनी झड़प हो चुकी है और  अमेरिका ने समझा और खुलकर कहा कि चीन की आक्रामक नीतियों की वजह से ना सिर्फ भारत, बल्कि वियतनाम, फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया जैसे देश भी खतरे में हैं। इस खतरे से निपटने के लिए अमेरिका यूरोप से अपने सैनिक कम करके, इन सैनिकों को एशिया में तैनात करने जा रहा है।

 

 

अमेरिका का भारत को खुला समर्थन

 अमेरिका ने खुल कर चीन को चेतावनी दे दी है और कहा है कि अगर भारत और चीन के बीच कभी युद्ध की स्थिति बनी तो अमेरिका खुलकर भारत का साथ देगा लेकिन ये वो हालात होंगे, जिसमें किसी तीसरी ताकत के आने से विश्व युद्ध का खतरा बन जाएगा जिसमें एक तरफ चीन के साथ पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देश होंगे, तो भारत के साथ अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश होंगे, जो खुलकर चीन की आक्रामक नीतियों का विरोध कर रहे हैंइसमें रूस जैसे देशों के लिए धर्मसंकट होगा कि वो भारत जैसे पुराने दोस्त को चुनें या फिर चीन जैसे देश को, जो पिछले कुछ वक्त से रूस की बड़ी जरूरत बन गया है।

 

 

अमेरिका ने जर्मनी समेत यूरोपीय देशों से हटाई अपनी सेना

 अमेरिका ने खुल कर चीन को चेतावनी दी है कि यदि उसने भारत को खरोंच पहुचाने की जरुरत की तो हम उनके साथ वो करेंगे जो उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा जर्मनी से अपनी सेनाओं  को कम करने की बजह बताते हुए अमेरिका ने कहा कि इनकी जरुरत  दुसरे क्षेत्र में है जर्मनी सहित यूरोप के कई देशों में अमेरिका के सैन्य अड्डे हैं और वहां पर बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक तैनात हैं अमेरिका ने यूरोप में अपनी ये सैन्य ताकत रूस के खतरे से निपटने के लिए वर्षों से लगा रखी है. लेकिन अब दुनिया का सबसे बड़ा खतरा तो चीन और वहां की कम्युनिस्ट पार्टी बन चुकी हैइसलिए अमेरिका ने कहा है कि वो जर्मनी में मौजूद अपने सैनिकों की संख्या को कम करेगा और 9 हजार सैनिक अमेरिका दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में तैनात करेगा।

 

 

अमेरिका युद्ध के लिए तैयार है

गलवान घाटी की घटना के बाद से ही अमेरिका समझ चूका है कि ये समय काफी चुनौतीपूर्ण है बिना वक़्त गवांते हुए दुनिया भर में अमेरिका अपनी सेनाओं की समीक्षा कर चुका है साथ ही अपनी सेनाओं को इस तरह से तैनात कर दिया है कि जरुरत पड़ने पर चीन की सेना का घमंड तोड़ सके, उनको मुँहतोड़ जबाब दे सके इस चुनौती भरे वक़्त का सामना करने के लिए  अमेरिका तैयार हैइसलिए उन्होंने ये कहा कि इस वक़्त ये जरुरी है कि सभी सैन्य संसाधन उचित जगह पर मौजूद होंइसका अर्थ ये है कि अमेरिका उन रणनीतिक जगहों पर अपनी सैन्य ताकत बढ़ाएगा, जहां से चीन को घेरा जा सकता है ये चीन के लिए बड़ा संदेश भी है कि उसकी हरकतों पर दुनिया चुप नहीं बैठेगी।

 

 

अब पूरी दुनिया एक जुट होकर चीन का मुकाबला करने तैयार

 चीन अपनी दादागिरी से दुनिया के तमाम देशो को डराने की कोशिश की है फिर चाहे वो भारत के साथ लद्दाख की गलावन घाटी में खुनी झड़प हो, ताइवान की सीमा में जबरदस्ती घुसपैठ करके सैन्य कार्रवाई की धमकी देने की बात हो, हॉन्गकॉन्ग में अपने खिलाफ आवाजों को कुचलने की बात हो, जापान के साथ पुराने मुद्दों पर नए सिरे से टकराव की बात हो या फिर दक्षिण चीन सागर में अधिकार जमाने के लिए दूसरे देशों को डराने-धमकाने की बात हो। अ सवाल ये उठता है कि हम चीन को ऐसी नौबत आने का मौका ही क्यों दें, क्यों दुनिया के सारे देश एकजुट  हो जाए और चीन की विस्तारवादी नीतियों और उसके नापाक इरादों के लिए उससे जबाब मांगे

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