जबलपुर- देश में कोरोना महामारी का फैलने की एक वजह तबलीगी जमात भी रही है. चूंकि पिछले महीने जहां एक ओर कोरोना महामारी से पूरा देश जूझ रहा था तो वहीं दूसरी ओर निजामुद्दीन के मरकज में बड़ी तादाद में तबलीगियों का जलसा हो रहा था. जो कोरोना वायरस के फैलने का एकमात्र कारण भी रहा है. बता दें कि निजामुद्दीन मरकज का मास्टर माइंड मौलाना साद की शह पर विदेशी तबलीगियों को बुलाकर मरकज में जलसा आयोजित किया था. जिसकी कानों-कान किसी को खबर तक नहीं लगी थी. हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस पूरे मामले पर जब एक्शन लिया तो एक के बाद एक तह खुलने लगीं. हाल ही में दिल्ली पुलिस और क्राइम ब्रांच ने मिलकर मरकज के अंदर जमातियों से जुड़ी बातों का खुलासा किया था. हालांकि अभी भी मौलाना साद पुलिस के साथ लुका-छिपी का गेम खेल रहा है. राजधानी में बढ़ रहे कोरोना के मामले को लेकर दिल्ली सरकार ने सख्ती बरतते हुए बॉर्डर तक सील कर दिए थे, लेकिन कोरोना वायरस जस के तस बना हुआ है. बहरहाल इस बीच दिल्ली पुलिस की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) ने एक बार फिर तबलीगी जमात के कारनामों का बड़ा खुलासा किया है।
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वहीं
दिल्ली पुलिस के मुताबिक पिछले
महीने हुए मरकज जलसे
में 67 विदेशी जमाती शामिल होने आए थे.
जिन पर शिकंजा कसा
जा रहा है. अब
तक दिल्ली पुलिस एक हजार से
भी ज्यादा जमातियों के खिलाफ चार्जशीट
दाखिल कर चुकी है.
इन जमातियों पर वीजा उल्लंघन
का आरोप है. जिनके
पासपोर्ट जब्त कर पुलिस
आगे की कार्यवाई कर
रही है.
इन जमातियों से पुलिस यह
पूछने की कोशिश कर
रही है कि इन
लोगों ने भारत आने
का वीजा किस आधार
पर लिया था, जबकि
देश में कोरोना के
चलते एयरलाइंस बंद की गई
थीं. तो यह लोग
आए कब?. ये सारे
सवाल दिल्ली पुलिस के दिमाग में
है. और सबसे अहम
बात ये है क्या
इस जलसे की तैयारी
मौलाना साद के कहने
पर की गई थी.
जिस पर इन लोगों
ने अभी बयान नहीं
दिया है. पुलिस सूत्रों
का कहना है कि
यह लोग मजहबी गतिविधियों
में लिप्त रहे, जो वीजा
नियमों का उल्लंघन है.
वहीं कुछ जमातियों पर
धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने
के आरोप है. जबकि
यह लोग वीजा टूरिस्ट
के नाम पर भारत
आए थे.
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